Sunday, January 23, 2011

मजदूर वर्ग

                                    इस अत्याधुनिक और विकसित देश में जहाँ इमारतो पर इमारते खड़ी होती जा रही है. हमारा देश जो दिन पर दिन एक विकसित देश में बदलता जा रहा है. जहा पर खूबसूरत भव्य बंगले, शापिंग  माल, अत्याधुनिकता को झलकाते फ्लैट्स, सिनेमा घर, और एक से एक शानदार होटल जिनका बुनियादी सुविधा देखते ही बनती है, आजकल लोग कॉलेज में दाखिला लेने से पहले उसकी बनावट को देखते है, होटल में जाने से पहले उसका भव्यतम और खूबसूरती में ढला रूप देखते है.
                                  मजदूर शब्द जो कठोर मेहनत का पर्याय लगता है. मजदूर वो होता है जिसके पास अपनी इक्छानुसार उपयोग करने के लिए जरा भी स्वतंत्र समय नहीं है, जिसका पूरा जीवन, सोने, खाने आदि चंद शारीरिक जरूरतों के लिए पूंजीपतियों के लिए मेहनत करने में ही खर्च होता है, अरे वो तो बेचारा बोझा ढ़ोने वाले पशु की तरह बन कर ही रह जाता है या महज एक मशीन बन जाता है, उसका शरीर सुबह से शाम मजदूरी करते-करते जर्जर हो जाता है, एक गरीब मजदूर को अपनी आजीविका चलने के लिए अपनी पत्नी और बच्चो सहित दिनभर कोल्हू के बैल की तरह जुटा रहता है, शाम को सारा काम निपटा के उसे जो मजदूरी मिलती है, उसी से शाम को उसके घर का चूल्हा जलता है, और दो वक्त की रोटी नसीब होती है, जबकि इन पूंजीपतियों के कुत्ते भी महंगे बिस्कुट खाते है, और गरीब मजदूर का छोटा सा मासूम बच्चे बड़े लोगो के दरवाजे के किनारे खड़ा- खड़ा सब देखता रहता है, और अन्दर से कोई नौकर अपने मालिक के कहने पर उसे भगा देता है, आखिर क्या है ये ? एक मजदूर जो हमें रहने को सुन्दर सा मकान बना कर देता है जिसमे हम अपने सपनो का आइना सजाते है, उसी मजदूर का इतना शोषण होता है, आखिर कब तक चलता रहेगा ये सब , क्योंकि अगर इस पतन को रोका नहीं गया तो ये पूंजीपति अपने पैसे के बल पर उनको कुचल कर रख देंगे सर्कार को मजदूर वर्ग के लिए कुछ नियम बनाने चाहिए और उन नियमो को लोगो को मानना भी चाहिए. 
                                      आजभी ऐसे कई कारण है जिनके कारण जीवन मूल्य गिरते जा रहे है समृधि के इस दौर में जब लोगो को अधिक मुनाफा हो रहा है. यदि मजदूर वर्ग में भी अपनी मजदूरी बदने के लिए संभव प्रयास नहीं किये गए तो वह इस शोषण में घिरता चला जायेगा क्योकि चाहे जो हो इस दुनिया में हर इंशान को अपने हक़ के लिए लड़ना पड़ता है, फिर वो चाहे जो भी हो............   

1 comment:

Bhawna Tewari said...

बड़िया प्रस्तुति नीतू ...