Sunday, February 27, 2011

आंसू ...........

ठहरे रहते है ये किसी कोने में ,
मिलती है ख़ुशी या मन होता है उदास ,
झलक आते है ये निर्झर आँखों से ,
बड़े  ही अजीब होते है ये आंसू ,
दुखी मन को सांतुवना देते है ,
ख़ुशी में ये ख़ुशी का इजहार करते है ये आंसू ,
निकलते है ये कभी मजबूरी में ,
तो कभी कमजोर बनाते है ये आंसू,
निकलते है जब ये तन्हाई में ,
तो मजबूत बनाते है ये आंसू ,
इनकी कथा भी अजीब होती है,
कभी अपनों को दूर करते है ,
तो कभी गिरो को करीब लाते है ये आंसू , 

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